कवर्धा विशेषक्राइम सेलछत्तीसगढ़ प्रादेशिक

फर्जी सिम कार्ड जारी कर साइबर अपराधियों को मदद पहुंचाने वाले दो एजेंट गिरफ्तार

कबीरधाम पुलिस की साइबर सेल ने किया संगठित अपराध का भंडाफोड़

कबीरधाम पुलिस ने साइबर ठगों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाले दो एजेंटों को गिरफ्तार कर एक संगठित साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। ये एजेंट फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बड़ी संख्या में सिम कार्ड जारी कर साइबर अपराधियों को बेचते थे, जिससे देशभर में ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता था।

पुलिस की रणनीतिक कार्रवाई

लगातार बढ़ते साइबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय और राजनांदगांव रेंज के पुलिस महानिरीक्षक दीपक कुमार झा (भा.पु.से.) के निर्देशानुसार, कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल एवं पंकज पटेल के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम गठित की गई। उप पुलिस अधीक्षक संजय ध्रुव एवं कृष्ण कुमार चंद्राकर के पर्यवेक्षण में साइबर सेल की टीम ने तकनीकी विश्लेषण और खुफिया जानकारी के आधार पर इस संगठित ठगी रैकेट का भंडाफोड़ किया।

साइबर ठगी का खुलासा: कैसे हुआ बड़ा खुलासा?

एनसीसीआरपी (National Cyber Crime Reporting Portal) और समन्वय पोर्टल (JCCT/JMIS) के माध्यम से साइबर अपराधों की गहन जांच में यह पता चला कि कबीरधाम जिले से जुड़े कुछ एजेंट बड़ी संख्या में फर्जी सिम कार्ड जारी कर साइबर अपराधियों को बेच रहे थे।

जांच के दौरान पुलिस को यह जानकारी मिली कि इन फर्जी सिम कार्डों का इस्तेमाल बैंकिंग धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी, फिशिंग, सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग एवं अन्य साइबर अपराधों में किया गया है। इन सुरागों के आधार पर कबीरधाम पुलिस ने आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार आरोपी और उनकी आपराधिक गतिविधियाँ

गिरफ्तार किए गए दो एजेंट—

  1. भूपेंद्र जोशी (Agent Code: 40751994BHUPOSHI)
  2. दुष्यंत जोशी (Agent Code: 61271998DUSHOSHI)

दोनों आरोपी सगे भाई हैं और मूल रूप से ग्राम इंदौरी, पुलिस चौकी दशरंगपुर, थाना पिपरिया, जिला कबीरधाम के निवासी हैं। वर्तमान में वे ज्योतिबा फुले वार्ड, कवर्धा, थाना कवर्धा, जिला कबीरधाम में निवास कर रहे थे।

फर्जी सिम जारी करने की साजिश

जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपियों ने कुल 85 फर्जी सिम कार्ड जारी किए, जिनमें से—
भूपेंद्र जोशी ने 48 फर्जी सिम जारी किए।
दुष्यंत जोशी ने 37 फर्जी सिम जारी किए।

इनमें से 20 सिम कार्डों का उपयोग भारत के विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी के 45 मामलों में किया गया। पुलिस को संदेह है कि यह संख्या और भी अधिक हो सकती है क्योंकि कई पीड़ितों ने अभी तक शिकायत दर्ज नहीं करवाई है।

ठगी की रकम और नेटवर्क की व्यापकता

तकनीकी विश्लेषण में पाया गया कि—

  • ₹14,18,785/- की ठगी इन फर्जी सिम कार्डों का उपयोग कर की गई।
  • 85 मोबाइल नंबरों के कॉल डाटा रिकॉर्ड (CDR) से पता चला कि ये सभी छत्तीसगढ़ सर्कल में सक्रिय हुए थे, लेकिन इनका उपयोग उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड जैसे राज्यों में साइबर ठगों द्वारा किया जा रहा था।
  • एक ही टावर लोकेशन से इन सिम कार्डों की सक्रियता मिली, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा थे।

फर्जी सिम ठगी का तरीका

इन दोनों एजेंटों ने कबीरधाम जिले के अलग-अलग बाजारों में जाकर लोगों के नाम पर सिम कार्ड बेचे।

  • जब कोई ग्राहक सिम कार्ड लेने आता था, तो वे एक ही नाम पर दो सिम जारी कर लेते थे—
    • एक सिम ग्राहक को देते थे।
    • दूसरा फर्जी सिम अपने पास रख लेते थे।
  • बाद में यह फर्जी सिम साइबर अपराधियों को बल्क में बेच दिए जाते थे।

गिरोह को पकड़ने में कबीरधाम पुलिस की भूमिका

इस गिरोह का पर्दाफाश करने में कबीरधाम पुलिस की सतर्कता और कड़ी मेहनत की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
इस पूरी जांच एवं कार्रवाई में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा, ASI चंद्रकांत तिवारी, संजीव तिवारी, प्रधान आरक्षक चुम्मन साहू, अभिनव तिवारी, आरक्षक संदीप शुक्ला, विजय शर्मा, नरेंद्र चंद्रवंशी, अजयकांत तिवारी, मनीष कुमार, आकाश राजपूत एवं साइबर सेल की टीम का विशेष योगदान रहा।

आरोपियों के खिलाफ दर्ज धाराएँ

थाना कवर्धा में अपराध क्रमांक 91/2025 के तहत—
धारा 318(4), 61(2) भारतीय न्याय संहिता एवं
धारा 66(सी) IT Act के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।


साइबर ठगी से बचाव और नागरिकों के लिए सतर्कता सुझाव

आज के डिजिटल युग में बैंकिंग धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी, OTP फ्रॉड, सोशल मीडिया ब्लैकमेलिंग जैसे अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में हर नागरिक को सतर्क रहना आवश्यक है।

कभी भी अपने बैंक खाते, OTP, ATM पिन, UPI पिन या कोई अन्य संवेदनशील जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
अगर किसी अनजान नंबर से KYC अपडेट, बैंक अकाउंट बंद होने या इनाम जीतने जैसी कोई कॉल या मैसेज मिले, तो तुरंत संदेह करें।
सोशल मीडिया पर किसी अज्ञात व्यक्ति से व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
ऑनलाइन खरीदारी करते समय केवल विश्वसनीय वेबसाइटों से ही भुगतान करें।
अगर आपको कोई भी संदिग्ध लेन-देन दिखे, तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें और साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।

अपने दस्तावेजों का दुरुपयोग रोकने के लिए सतर्कता

अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य सरकारी दस्तावेज किसी अनजान व्यक्ति को न दें।
अपने आधार से लिंक मोबाइल नंबरों की नियमित रूप से जांच करें।
यदि आपको संदेह है कि आपके नाम पर फर्जी सिम कार्ड जारी किया गया है, तो तुरंत साइबर सेल में शिकायत करें।

कबीरधाम पुलिस की अपील

जिला कबीरधाम पुलिस आमजन से अपील करती है कि—

  • राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) का अधिक से अधिक उपयोग करें।
  • किसी भी साइबर ठगी की सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें।
  • किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस को दें।

⚠️ सावधान रहें, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें!

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